
रसायनिक उर्वरकों के द्वारा लगातार फसल लेने से मिट्टी की उपजाऊ शक्ति में कमी होती जा रही हैं वर्मीकम्पोस्ट जिसमें असंख्य सूक्ष्म जीवाणु होते है, मिट्टी को नया जीवन देती है। वर्मीकम्पोस्ट में पानी को सोख कर रखने की अद्भुत क्षमता होती है। इसी क्षमता के कारण वर्मीकम्पोस्ट मिट्टी में पाये जाने वाले जीवाणुओं को सक्रिय कर प्रकृति की मदद करती है।
मिट्टी में वायु संचार, जल निकास, जल धारण क्षमता में वृद्धि, ह्यूमस की मात्रा में बढ़ोत्तरी और सूक्ष्म जीव (जो कि मिट्टी को निरंतर उपयोगी बनाये रखते है), वर्मीकम्पोस्ट के उचित उपयोग से ही संभव है। वर्मीकम्पोस्ट के उचित प्रयोग से एक-दो वर्ष में रसायनिक खाद की जरूरत को लगभग खत्म किया जा सकता वर्मीकम्पोस्ट का उपयोग करने से उत्पादन की मात्रा और गुणवत्ता में कृषि के साथ-साथ किसानों द्वारा खेती के खर्च में भी कई प्रकार की कमी देखने में आयी है। इसकी कीमत रसायनिक खाद से कम होती है तथा स्वस्थ एवं मजबूत पौधों को कम रोग होते है। इससे उन पर दवाई छिड़कने के खर्चे में भी कमी आ जाती है।
पर्यावरण के लिये: बहुत अधिक रसायनिक खाद के उपयोग ने हमारे पर्यावरण को कई जगह दूषित कर दिया है। वर्मीकम्पोस्ट के उपयोग से रसायनिक खाद व कीटनाशक दवाओं के उपयोग में निःसंदेह कमी आयेगी। दूसरी तरफ कचरे से वर्मीकम्पोस्ट को बनाने के प्रयोग से प्रदूषण भी कम होगा।